भारत पर्व एवं उत्सव का देश है लेकिन यहां के हर पर्व का अपना एक महत्व होता है जो की सामाजिक धार्मिक और वैज्ञानिक भी होता है इसी कारण भारत का हर पर्व अपने आप में बहुत महत्व और मायने रखता है इसी क्रम में भारतवर्ष का एक बहुत बड़ा पर्व है दशहरा जो कि भारत के हर क्षेत्र के कोने-कोने में या हरसोलश के साथ मनाया जाता है कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम ने हिंदू मान्यता के अनुसार रावण का वध किया था और असत्य पर सत्य की विजय हुई थी तो दूसरी तरफ अगर हम यह देखें तो यह पर्व दशहरा बौद्ध माता लंबियों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण एवं महत्व का हो जाता है कहते हैं कि इसी दिन भारत के महानतम सम्राट अशोक ने कलिंग विजय के बाद उन्होंने अपने रक्त पिपासु तलवार को फेंक दिया था और बेरी घोष की जगह धर्म घोष को आरंभ किया था इसी उत्सव व पर्व को बनारस में जिसे की काशी भी कहा जाता है में सम्राट अशोक धाम विजय दिवस महोत्सव मनाया गया उसमहानतम कार्यक्रम को सम्राट अशोक बौद्ध महासंघ सारनाथ वाराणसी द्वारा आयोजित किया गया इस कार्यक्रम का उद्देश्य था भारत में मानव मानव के लिए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौर्य कुलभूषण बहुजन सम्राट माननीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी थे और इसकी अध्यक्षता नरेंद्र कुमार सिंह कुशवाहा पूर्व सांसद थे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत में बौद्ध धर्म को सभी रूपों में सभी मानवों को अपने अंदर आत्मसात करना चाहिए जिससे कि हर मानव के अंदर संवेदनाएं जागृत हो और मानव हर मानव को अपने बराबर एवं बराबरी का दर्जा दे उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हिंदू जीवन शैली को ब्राह्मण द्वारा इसको धर्म बताया जा रहा है जो की पूर्ण रूप से गलत है उन्होंने इस वक्तव्य पर सर्वोच्च न्यायालय का हवाला भी दिया इसके आगे उन्होंने कहा कि हम सभी भारतवासियों को संविधान को सम्मान देना चाहिए जो कि संविधान ही है कि सारे भारत के नागरिकों को अधिकारों की रक्षा करता है इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं पूर्व सांसद नरेंद्र सिंह कुशवाहा जी ने कहा कि जब तक हर मनुष्य भगवान तथागत के मार्ग का अनुसरण नहीं करेगा तब तक पूरे विश्व में शांति नहीं आ सकती इसका ज्वलंत उदाहरण इसराइल और फिलीस्तीन के युद्ध की ओर इंगित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि इस प्रकार सम्राट अशोक ने युद्ध की नीति का पारित किया और शांति का मार्ग अपनाया इस प्रकार आज के दिन दशहरा लोगों को शांति और बाराती का मार्ग अपनाना चाहिए इस कार्यक्रम का आयोजन सम्राट अशोक बौद्ध महासंघ के संस्थापक कवि चित्र प्रभाव कृष्णा अध्यक्ष दीपक कुमार मौर्य संयोजन संजय मौर्य एवं विशेष स्थिति में माननीय उदयलाल मौर्य उपस्थित थे |