भारत के राजनीतिक परिदृश्य में 2012-13 में एक ऐसी छवि वाले लोग भारत के पटल पर आए जो जो की अत्यंत साफ छवि वाले लोग थे और एक आंदोलन चलाया जो कि भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में हलचल पैदा कर दी और भारत के पूरे राजनीतिक इतिहास को बदलकर रख दिया जिसे कि अन्ना आंदोलन का नाम दिया गया और इस आंदोलन की अगवाई अरविंद केजरीवाल नमक इस्तीफा दिए हुए एक प्रशासनिक अधिकारी कर रहे थे पूरे भारत में अरविंद की ईमानदारी का परचम लहराने लगा इसी के साथ लोगों का विश्वास अरविंद केजरीवाल के साथ शामिल होता गया और नतीजा यह निकला कि अन्ना आंदोलन में आम आदमी पार्टी आपका गठन किया और आशातीत सफलता हासिल करते हुए दिल्ली में अपनी सरकार बनाई दूसरी बार भी अपने दिल्ली में चुनाव लड़ा और भारत के सारे पार्टियों को ध्वस्त करते हुए अपने जीत का झंडा गढ़ दिया लोगों का आप पार्टी के प्रति अटल विश्वास शामिल हो गया
लेकिन लेकिन नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने बड़े जोर से नई आबकारी नीति लॉन्च की इससे दिल्ली में शराब काफी सस्ती हो गई और रिटेलर्स को डिस्काउंट देने की छूट ही मिली हालांकि भाजपा ने आरोप लगाया कि शराब लाइसेंस बांटने में धांधली हुई है चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया है जुलाई 2022 आते-आते आग इतनी तेज हो गई कि उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांग ली रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच को एलजी ने मंजूरी दे दी ।नई आबकारी नीति कथित भ्रष्टाचार दिल्ली सरकार के गले की खास बन गया डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है कई अधिकारियों एवं आप नेताओं के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ईडी की जांच चल रही है 2021 में जब दिल्ली की नई आबकारी नीति लागू हुई तब दावा हुआ कि राजस्व बढ़ेगा साल भर भी नहीं हुआ और दिल्ली की सरकार आबकारी नीति भ्रष्टाचार के आरोप में विनय कुमार सक्सेना ने जैसे सीबीआई जांच को मंजूरी दी तो सियासी बवाल शुरू हो गया सिसोदिया के गिरफ्तारी के साथ-साथ जब। यह आवाज चरम पर पहुंच गया यह हमें समझना होगा कि दिल्ली का कथित शराब घोटाला क्या है इसमें सिसोदिया कैसे फसे सिसोदिया के गिरफ्तार होने के बाद सीबीआई ने मामले में 15 लोगों और अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की सिसोदिया को आरोपी नंबर एक बनाया गया प्रवर्तन निदेशालय भी दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रहा है उसने इसी महीने में चार सीट दायर की, में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत कई प्रमुख व्यक्तियों के नाम आए हैं मनीष सिसोदिया पर क्या आरोप लगाया गया है इसको हमको समझना पड़ेगा कोरोना कल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनी की 144.3 सीख करोड रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी L1 के टेंडर में शामिल एक कंपनी की 30 करोड रुपए की अनिष्ट डिपॉजिट मनी वापस कर दी गई विदेशी शराब एवं बियर पर भी मनमानी ढंग से ₹50 प्रतिकेस की छूट दी गई जिसका फायदा कंपनियों ने उठाया
एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 2 जोन के ठेके दिए गए कार्टर पर पाबंदी के बावजूद शराब विक्रेता कंपनी न्यू के कार्टर को लाइसेंस दिए गए बिना एजेंडा और कैबिनेट नोट सर्कुलेट कराए कैबिनेट ने मनमानी तरीके से प्रस्ताव पारित करवाए शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने ड्राई डे की संज्ञा 21 से घटकर तीन कर दी गई मास्टर प्लान के नियमों का उल्लंघन करते हुए नान कंफर्मिंग इलाकों में शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी गई ठेकेदारों का कमीशन 2.5% से बढ़कर 12 फीस दी कर दिया गया दोनों जोन में शराब निर्माता कंपनियों को रिटेल सेक्टर में शराब बेचने की इजाजत दी गई एलजी की मंजूरी लिए बिना दो बार टेंडर को एक्सटेंड किया और मनमाने तरीके से डिस्काउंट ऑफर दिए गए जिससे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचा नई पॉलिसी लागू करने में जीएनटी एक्ट 1991 ट्रांजैक्शन आफ बिजनेस रूल्स 1993 दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल 2010 का उल्लंघन किया गया टेंडर जारी होने के बाद 2021-22 में लाइसेंस हासिल करने वालों को कई तरह के गैर वाजिब लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर तय प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया नवंबर 2022 में सीबीआई ने मामले में पहले चार सीट दायर की हालांकि इसमें सिसोदिया का नाम नहीं आया था सीबीआई ने फरवरी 2023 को सिसोदिया से करीब 8 घंटे तक पूछताछ की इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया जांच एजेंसियों का यह कहना था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं मनीष सिसोदिया को दिल्ली राहुल एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया सिसोदिया के पास वित्त मंत्रालय भी है लेख लिखे जाने तक प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी समन भेज चुकी है और उन्हें भी पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय जाना है लेकिन जो कि देश में अभी पांच राज्यों में चुनाव है तो वह प्रचार करने मध्य प्रदेश चले गए हैं और अपने पत्र जो की प्रवर्तन निदेशालय को दिया है उसमें इस बात का हवाला दिया है कि उनके पास समय नहीं है जो की प्रवर्तन निदेशालय पहुंच सके इसी तरह की जवाब पत्र में दिए हैं हमें यह समझना होगा कि ईडी द्वारा दिया गया समन से अरविंद केजरीवाल कितने दिनों तक बच् सकते हैं परिवर्तन निदेशालय द्वारा किसी व्यक्ति को चार बार समन भेजा जाता है तो अभी तीन बार समन और भेजा जाना बाकी है तो हमें यह देखना होगा कि अब वह कब पेश होते हैं और क्या बोलते हैं और और देखना है कि ऊंट किस करवट बैठता है।