आज सुशासन दिवस के रूप दो महानायक को याद किया जा रहा-- कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा..
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित
स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का संयोगवश दोनों का ही जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। मालवीय जी का जन्म 25 दिसम्बर, 1861 को इलाहाबाद में और वाजपेयी का जन्म 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उनके जन्मदिवस को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में आज मनाया जा रहा है।
उक्त विचार सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी एवं पंडित अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर व्यक्त किया।
कुलपति प्रो शर्मा ने कहा कि दोनों महानायक राष्ट्र सृजन के साथ भारतीय राजनीति को नये आयाम से जोड़कर नई दिशा और ऊंचाई देकर वैश्विक स्तर पर भारत की संस्कृति एवं भारतीयता को स्थापित किया।
भारत निर्माता और महामना की उपाधि से सम्मानित-
मदन मोहन मालवीय जी समाज सेवा, राजनीति, शिक्षा, वकालत, समाज सुधार और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रियता और समर्पण ऐतिहासिक रहा।शायद इसीलिये महात्मा गांधी ने उन्हें ‘भारत निर्माता ” कहा और वही एकमात्र राष्ट्रसेवी हैं जिन्हें ‘महामना ‘का सम्मानपूर्ण संबोधन मिला।’अपना देश-अपना राज’के उद्घोष कर मालवीय जी ने देश की आजादी के साथ ही अज्ञान के विरुद्ध संघर्ष के लिए वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की सन 1916 में स्थापना की।
अटल जी शब्दों के जादूगर थे–
कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि तीन बार देश प्रधानमन्त्री रहे पंडित अटल बिहारी वाजपेयी जी शब्दों के जादूगर थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में प्रभावशाली संबोधन कर माँ भारती का सीना गर्व से ऊंचा कर दिए।पोखरण परमाणु परीक्षण और ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ के रूप में आज याद किया जा रहा है।
भारत को जिन पर गर्व है, ऐसे गर्वशाली व्यक्तित्वों का स्मरण आज सारा राष्ट्र कर रहा है, सभी भारतीयों के लिये प्रेरणा का स्त्रोत और अवसर है।