आईआईटी(बीएचयू) वाराणसी ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में वैश्विक स्थान किया प्राप्त

आईआईटी(बीएचयू) वाराणसी ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में गुड गवर्नेंस (सुशासन) के अंतर्गत 336वां वैश्विक स्थान एवं नॉलेज एक्सचेंज में 303वां वैश्विक स्थान किया प्राप्त

वाराणसी. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) वाराणसी ने 5 दिसंबर 2023 को प्रकाशित क्यूएस (क्वाक्वेरेली साइमंड्स) वर्ल्ड रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में कई मापदंडों के तहत वैश्विक स्तर पर एक प्रभावशाली स्थान प्राप्त किया है, जोकि वैश्विक मंच पर शिक्षा, प्रशासन और ज्ञान के आदान-प्रदान में उत्कृष्टता के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है।

गुड गवर्नेंस (सुशासन) की श्रेणी में 336वां वैश्विक स्थान हासिल करते हुए, संस्थान ने एक सुदृढ़ और पारदर्शी शासन संरचनाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया । सुशासन पैरामीटर परिभाषित करता है कि क्या किसी संस्थान में मजबूत प्रशासन, खुली निर्णय लेने की क्षमता, एक समग्र नैतिक संगठन संस्कृति, संस्थानों के शासी निकायों में छात्र प्रतिनिधित्व और वित्तीय पारदर्शिता विद्यमान है । यह मान्यता आईआईटी-बीएचयू की नैतिक निर्णय लेने की प्रतिबद्धता, एक समावेशी संगठनात्मक संस्कृति और वित्तीय पारदर्शिता, इसकी वैश्विक स्थिति में योगदान देने वाले आवश्यक पहलुओं को रेखांकित करती है ।

इसके अतिरिक्त, ज्ञान के आदान-प्रदान में 303वां वैश्विक स्थान प्राप्त करना विश्व स्तर पर ज्ञान साझा करने और प्रसारित करने के केंद्र के रूप में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। यह उपलब्धि भौगोलिक सीमाओं से परे सहयोग, साझेदारी और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रति इसके समर्पण का स्पष्ट प्रमाण है ।

संस्थान की पर्यावरणीय प्रभाव के तहत प्रभावशाली 503 वैश्विक रैंक है जिसमें पर्यावरण से संबंधित अनुसंधान, स्थिरता, रोजगार और परिणाम के साथ-साथ समानता भी शामिल है। क्यूएस विश्व रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में संस्थान की समग्र रैंक विश्व स्तर पर 684 है। संस्थान ने पहली बार स्थिरता के आधार पर क्यूएस विश्व रैंकिंग के तहत इतनी प्रतिष्ठित रैंकिंग में प्रवेश किया । सभी आईआईटी में संस्थान 7वें स्थान पर विद्यमान है।

इससे पहले संस्थान को जून 2023 में जारी समग्र मापदंडों पर क्यूएस विश्व रैंकिंग में भी उत्कृष्ट रैंक मिली थी और इस वर्ष की क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग 2024 में इसके प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ था । जबकि पिछले वर्ष संस्थान को 651-700 बैंड के बीच रखा गया था । इसने इस बार वैश्विक स्तर पर 571 की व्यक्तिगत रैंकिंग और भारतीय विश्वविद्यालयों में 13वीं रैंक प्राप्त करके दुनिया भर के शीर्ष 600 विश्वविद्यालयों में अपनी पहचान स्थापित की । विशेष रूप से, इसने साइटेशन पर फैकल्टी (सीपीएफ) श्रेणी में क्यूएस द्वारा मूल्यांकन किए गए विश्व स्तर पर 78वीं रैंक और भारतीय संस्थानों में 7वीं रैंक प्राप्त की है । क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग मूल्यांकन नौ रैंकिंग संकेतकों पर आधारित है जिसमें शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति संकाय साइटेशन, संकाय-से-छात्र अनुपात, अंतर्राष्ट्रीय संकाय सदस्य आदि शामिल हैं। संस्थान क्यूएस रैंकिंग के प्रमुख रैंकिंग मूल्यांकन मापदंडों, वाणिज्यिक और सामाजिक प्रभाव के सतत और अत्याधुनिक अनुसंधान और आविष्कारों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने संस्थान के संकाय सदस्यों और अनुसंधान कर्मचारियों को सतत अनुसंधान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए बधाई दी, जिसने संस्थान को विश्व स्तर पर यह मुकाम हासिल करने में सक्षम बनाया । उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान ने अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों के साथ कई नई शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोगी गतिविधियां शुरू की हैं और भविष्य में क्षेत्रीय और वैश्विक रैंकिंग में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेगा । जैसे-जैसे संस्थान उत्कृष्टता की ओर अपनी यात्रा जारी रखता है, इसका लक्ष्य अपनी वैश्विक स्थिति को और बढ़ाना एवं स्थायी अनुसंधान और शैक्षणिक नवाचार में महत्वपूर्ण प्रगति करना है ।

अधिष्ठाता (अनुसंधान एवं विकास) और संस्थान रैंकिंग समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर विकाश कुमार दुबे ने कहा कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में आईआईटी-बीएचयू की उपलब्धियां विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में काम करती हैं। वैश्विक रैंकिंग में इसकी उल्लेखनीय वृद्धि सीखने, नवाचार और धारणीय कार्य-प्रणाली के लिए एक मजबूत वातावरण को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के समर्पण को दर्शाती है ।

इस अनुसंधान और प्रभावशाली नवाचारों के प्रति निरंतर समर्पण ने आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी को स्थायी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में मजबूती से स्थापित किया है, जिससे वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य में इसकी निरंतर प्रमुखता और प्रभाव सुनिश्चित हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बनाने पर नेतृत्व का वैश्विक ज्ञान साझा करने और क्षेत्रीय व वैश्विक रैंकिंग में अपनी स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है ।

क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग एक कड़े मूल्यांकन मानदंडों के लिए जाना जाता है, जिसमें वैश्विक स्तर पर स्थायी कार्य-प्रणाली, अनुसंधान और शिक्षा में किसी संस्थान के समग्र प्रभाव और योगदान को मापने के लिए विभिन्न मापदंडों को शामिल किया गया है ।


सुजीत सिंह

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